वो साइड अपर पे बैठी थी

वो साइड अपर पे बैठी थी

वो साइड अपर पे बैठी थी । काँधे पर उसके, लटकती चोटी थी, गालों के रंग से मिलती, गुलाबी कुर्ती वो पहने थी, वो साइड अपर पे बैठी थी । बातें करती बड़ा लजाती, हाथों से चेहरे को छुपाती, और बातों पे सहेली की, ठहकती थी, वो साइड अपर पे बैठी...Read more