ऐ बारिश तू कुछ मेरे महबूब सी है | जब तुम वादा करके आती नहीं, तो ये ख्याल आता है, की तुम्हारे प्यार की बरसात, कहीं और तो नहीं हो रही ? ऐ बारिश तू कुछ मेरे महबूब सी है | जो कभी आती हो देर से तुम,...Read more
आज दिल में, है ये उलझन, कि हम क्या देखें, तुमको देखें, या ये नज़ारे देखें ? देखें ये फ़िज़ा, या देखें ये समां, की बनके परवाना, देखें हम तुमको शमा ? लहरों में, नदियों को, हम बहता देखें, या तेरी ज़ुल्फ़ों की, हम घटा देखें ? आज दिल...Read more