ऐ बारिश तू कुछ मेरे महबूब सी है
ऐ बारिश तू कुछ मेरे महबूब सी है |
जब तुम वादा करके आती नहीं,
तो ये ख्याल आता है,
की तुम्हारे प्यार की बरसात,
कहीं और तो नहीं हो रही ?
ऐ बारिश तू कुछ मेरे महबूब सी है |
जो कभी आती हो देर से तुम,
तो ये आंखें तकती हैं,
उठ-उठकर उस रास्ते को,
जिस से तुम्हारे आने के आसार हैं |
ऐ बारिश तू कुछ मेरे महबूब सी है |
कभी तुम जो रूठ जाती हो,
तो सब बंजर सा लगता है,
और तुम्हें मनाने को,
हर पूजा, हर जतन कर गुज़रता हूँ |
ऐ बारिश तू कुछ मेरे महबूब सी है |
जब तुम अपनी बूंदों की आगोश में,
भर लेती हो मुझे,
तो तुम्हारे साथ के एहसास की ख़ुशी,
एक मुस्कान बन छलक जाती है,
ऐ बारिश तू कुछ मेरे महबूब सी है |
तुम टप-टप कर बातें करती हो,
और मैं तुम्हें एकटक निहारता हूँ,
फिर जो दर्द, जो गम मुझे लपेटे हुए थे,
उन्हें इस बेसुधी में घुलता हुआ पाता हूँ |
ऐ बारिश तू कुछ मेरे महबूब सी है |
ज़िन्दगी की कड़ी धूप में झुलस,
हार कर बैठ जाने का विचार आता है,
तो तुम ज़ुल्फ़ों को झटक कर, साया कर देती हो,
और बूंदों की राहत से, चार और कदम चल लेता हूँ |
ऐ बारिश तू कुछ मेरे महबूब सी है |
बस एक ही अंतर है दोनों में,
तुम्हारा साथ बस कुछ दिनों का है,
पर उसका साथ जन्मों का,
बाकी हर तरह से ,
ऐ बारिश तू कुछ मेरे महबूब सी है |
Waah kya baat… ?
Thanks Neetu
kya baat mere kavi bahi.. dil kush ho gaya…
Thanks bhai for appreciation
Nice…
Na Mai barish si
Na Mai bundo si…
Mai tere Dil ki uas mitti si…
Jo Dilbar ke vichar se akar Badal le khud ki…..
Wow, what a reply, padh ke hi din ban gaya