तुमको देखें, या नज़ारे देखें
आज दिल में, है ये उलझन, कि हम क्या देखें,
तुमको देखें, या ये नज़ारे देखें ?
देखें ये फ़िज़ा, या देखें ये समां,
की बनके परवाना, देखें हम तुमको शमा ?
लहरों में, नदियों को, हम बहता देखें,
या तेरी ज़ुल्फ़ों की, हम घटा देखें ?
आज दिल में, है ये उलझन, कि हम क्या देखें,
तुमको देखें, या ये नज़ारे देखें ?
सुनें कोयल की, ये मीठी सी चहक,
या तेरी बाहों के, हार में जाएं बहक ?
आसमां पर, बादलों की, हम कला देखें,
या तेरे हुस्न की, हम अदा देखें ?
आज दिल में, है ये उलझन, कि हम क्या देखें,
तुमको देखें, या ये नज़ारे देखें ?
देखें पेड़ों का, ये बदला रंग नया,
या देखें गालों का तेरे, रंग-ए-हया ?
फूलों में कलियों में, हम नज़ाकत देखें,
या तेरी आँखों की, हम शरारत देखें ?
आज दिल में, है ये उलझन, कि हम क्या देखें,
तुमको देखें, या ये नज़ारे देखें ?
क्या हम देखें, बर्फ से सजे, पहाड़ों के बदन,
कि तेरे दीदार में, ही रह जाएं मगन ?
बहती हवा की, क्या हम जवानी देखें,
या महसूस करके, इश्क़ तेरा रूमानी देखें ?
आज दिल में, है ये उलझन, कि हम क्या देखें,
तुमको देखें, या ये नज़ारे देखें ?
wahh grt
Thanks Pranay,
Please share with others and keep inspiring